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धमाके के साथ जमींदोज हुई 20 करोड़ की होटल शांति क्लार्क इन


उज्जैन। इंदौर रोड पर अवैध रूप से बनी 20 करोड़ रुपए की होटल शांति क्लार्क इन सुईट्स की इमारत बुधवार को बारूद लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। होटल के दो हिस्सों को 34 किलो विस्फोटक लगाकर उड़ाया गया। इसका शेष हिस्सा कल तोड़ा जाएगा।
बता दें कि इस होटल का निर्माण विभिन्न सोसायटियों की आवासीय जमीन पर बगैर भूमि डायवर्शन के नक्शा स्वीकृत कराकर किया गया था। हाईकोर्ट ने इस 6 मंजिला होटल को ढहाने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि इस होटल निर्माण 3 हिस्सों में हुआ था। इस इमारत को ध्वस्त करने के लिए कवायद कुछ दिनों से चल रही थी।जेसीबी, पोकलेन से दीवारें तोड़ी थी जिसके बाद कुल 101 पिलर सामने आए। फिर इन पिलरों में बारूद भरा गया। इंदौर के विस्फोटक एक्सपर्ट शरद सरवटे के निर्देशन में इस होटल को ध्वस्त किया गया। पलक झपकते ही 20 करोड़ की लागत वाली ये होटल जबर्दस्त धमाके के साथ जमींदोज हो गई। विस्फोट के दौरान धुल का गुबार निकला और होटल के दो हिस्से जमींदोज हो गए।
इमारत में विस्फोट के पहले जनसामान्य की सुरक्षा के लिहाज से नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर पास की होटल विक्रमादित्य को खाली करा लिया गया था। इसके अलावा हरिफाटक ब्रिज और महामृत्युंज द्वार से ट्रैफिक डायवर्ट करने और अनाधिकृत व्यक्तियों को कार्रवाई स्थल से दूर रखा गया।
विस्फोटक से उड़ाने का खर्च होटल मालिक से वसूला जाएगा
बता दें कि ये होटल अफसरों से मिलीभगत कर नियम विरुद्ध बनाई गई थी। इसे ढहाने में 34 किलो बारूद का उपयोग किया गया। इस पर 20 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हुए जिसे होटल मालिक से वसूला जाएगा।
होटल को पहले ही दे दिए थे निर्देश
नगर निगम आयुक्त एवं प्रभारी कलेक्टर प्रतिभा पाल ने गुरुवार को होटल का मुआयना किया। उनके साथ इंदौर से आए विस्फोटक एक्सपर्ट शरद सरवटे थे। इसके बाद वैधानिक अनुमति जारी कर दी। वहीं होटल मालिक को 24 घंटे में अपना सामान बाहर करने और होटल में समस्त प्रकार की बुकिंग बंद करने के निर्देश दिए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए होटल मालिक चंद्रशेखर श्रीवास ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने 10 दिन पहले 18 जून को होटल शांति क्लार्क इन सुइट्स की समस्त परमिशन रद्द करते हुए तोड़ने का आदेश दिया था।

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