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बिजली कंपनी की संपत्ति होगी कुर्क! बैतूल में संपत्ति कुर्क करने पहुंची टीम तो उड़े अफसर के होश, मांगा समय; क्षतिपूर्ति के 6.15 लाख रुपए नहीं देने पर कोर्ट ने दिए थे आदेश

बैतूल में गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर दक्षिण संभाग की बिजली वितरण कंपनी की संपत्ति कुर्क करने टीम पहुंची, तो अफसरों के होश उड़ गए। आदेश देखकर डीई ने तत्काल वरिष्ठों को कॉल किया। मामला 12 साल पहले बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण खेत में काम कर रहे किसान की मौत का है। शिकायत के बाद भी कंपनी ने तारों को ठीक नहीं करवाया था। 2 साल पहले कोर्ट ने 6.15 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए थे, पर बिजली कंपनी ने आदेश की अनदेखी की।

यह है मामला

भैंसदेही के नवापुरा गांव में 12 साल पहले किसान परेश चढ़ोकार की खेत में घास काटने के दौरान तार गिरने से मौत हो गई थी। किसान ने बिजली कंपनी को लटके तार को लेकर कई बार शिकायत की थी। कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। पति की मौत के बाद पत्नी गीता ने क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

12 साल तक किया संघर्ष

गीता ने क्षतिपूर्ति के लिए पहले जिला उपभोक्ता फोरम में अर्जी लगाई थी। जहां अर्जी खारिज कर दी गई। गीता ने जिला अदालत में याचिका लगाई। कोर्ट ने बिजली कंपनी को 6.15 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए। कंपनी 2 साल तक कोर्ट के आदेश की अनदेखी करता रहा। इस पर गीता ने सीजेआई कोर्ट में गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने बिजली कंपनी की संपत्ति कुर्क के आदेश दिए। इस पूरी प्रक्रिया में 12 साल गुजर गए।

बिजली कंपनी ने मांगा 13 सितंबर तक का समय

बैतूल सीजीएम कोर्ट द्वारा तैनात मचकुरी (आदेश वाहक) और अधिवक्ता संतोष राठौर कोर्ट के कर्मचारियों को लेकर बिजली कंपनी के दफ्तर की संपत्ति कुर्क करने पहुंचे, तो डीई के होश उड़ गए। उन्होंने आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद 13 सितंबर तक का समय मांगा। डीई का कहना है 5 लाख से अधिक राशि के भुगतान के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।

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