भोपाल आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात तो सभी ने सुनी होगी, लेकिन पहली बार भ्रष्टाचार का लिखित बहीखाता सामने आया है।
भोपाल आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात तो सभी ने सुनी होगी, लेकिन पहली बार भ्रष्टाचार का लिखित बहीखाता सामने आया है।

भोपाल आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात तो सभी ने सुनी होगी, लेकिन पहली बार भ्रष्टाचार का लिखित बहीखाता सामने आया है।
भोपाल आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात तो सभी ने सुनी होगी, लेकिन पहली बार भ्रष्टाचार का लिखित बहीखाता सामने आया है। हमारे संवाददाता ने करीब एक 6 दिन तक स्टिंग और तफ्तीश कर ऐसे कागज जुटाए, जिनमें 34 एजेंटों से लेन देन का हिसाब है। इसमें 55 हजार रुपए का हिसाब है, जो एक दिन का है। आरटीओ के जानकारों की मानें तो महीने में कम से कम डेढ़ करोड़ की वसूली फिक्स है। इसके अलावा फुटकर कमाई अलग।
दरअसल, आरटीओ से जानकारों के जरिए कुछ दस्तावेज निकलवाए, जिनमें हाथ से लिखा एक बहीखाता था। इसके एक पेज पर आरटीओ एजेंटों के नाम के साथ वसूली का हिसाब-किताब था। हमने पहले बात की तो एआरटीओ अनपा खान ने ऐसे किसी भी बहीखता से इनकार किया।
इसके बाद Nutv न्यूज़ वेबसाइट के संवाददाता ने हैंडराइटिंग का मिलान कराने के लिए फॉरेंसिक और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट अनिल नामदेव की मदद ली। एक्सपर्ट ने हैंडराइटिंग मिलान के बाद पुष्टि कर दी कि यह हैंडराइटिंग एआरटीओ अनपा खान की है। गौरतलब है कि भोपाल आरटीओ में करीब 200 से ऊपर एजेंट सक्रिय हैं। इन एजेंटों की ही मानें तो अफसर एक साइन के एवज में इनसे कम से कम 150 और अधिकतम 6000 रु. तक लेते हैं।
सीधी बात करे तो – एआरटीओ अनपा खान से; एक्सपर्ट की मुहर देखी तो माना- हैंडराइटिंग मेरी
क्या यह पर्चा आपके हाथों से लिखा हुआ है?
– जी हां। लेकिन पुराना है। इसकी शिकायत मंगल सिंह नाम के दलाल ने की थी। वह मुझसे गलत काम करवाना चाहता था। इसका जवाब दे चुकी हूं।
फीस ऑनलाइन है फिर यह हिसाब आपने मैनुअली क्यों लिखा?
– हम सरकारी कार्यक्रम में जाने वाली गाड़ियों का पेमेंट करते हैं। यह उसके बारे में लिखा हुआ है।
आपने जो नाम लिखे है वह आरटीओ के एजेंट हैं?
– हम एजेंटों के माध्यम से ही गाड़ी लेते हैं।
सरकारी कार्यक्रमों के लिए आप कच्चे पर्चों पर खुद भुगतान कर देती हैं या सरकार से रुपया आता है?
– भुगतान शासकीय है, शाम तक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड देती हूं। (हालांकि 7 दिन तक रिकॉर्ड नहीं दे सकीं)
आप फाइलें घर लेकर जाती हैं, वीडियो हमारे पास ह!
– एक दिन में 200 फाइलें साइन करतीं हूं। सभी ऑफिस में बैठकर करती हूं। घर नहीं ले जाती हूं।
Nutv ने कराई लिखावट की जांच
सरकारी फाइलों के नमूने लेकर Nutv टीम हैंडराइटिंग व फॉरेंसिक एक्सपर्ट अनिल नामदेव के पास पहुंची। करीब दो घंटे जांच के बाद उन्होंने हमें लिखित में प्रमाणित किया कि एआरटीओ के आधिकारिक दस्तावेज में की गई टिप्पणी और पर्चे पर लिखे हिसाब की राइटिंग एक है।
पुराने लोगों से समझा, पर्चे में क्या लिखा
इस पर्चे पर क्या लिखा है, यह जानने के लिए हमने 30 साल से काम कर रहे पुराने लोगों से संपर्क किया। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि यह 55 हजार का हिसाब कुछ घंटों का है। उन्होंने कई कोड वर्ड भी बताए।
पर्चे में पहले नंबर पर अमित नाम है। आगे 1,500 लिखा है। यह वाहन ट्रांसफर का काम देखता है।
अशकाफ, आदिल, एसएस, जावेद, खलील, अनस, नौशाद, जमीर वाहन ट्रांसफर की फाइलों का काम करवाते है। इनके आगे 1,100 और 5,000 लिखा है।
केआर और खलील ऐसी गाड़ियां ट्रांसफर कराते हैं, जाे अन्य एजेंट के लिए कठिन है। इनके नाम के आगे एक दिन में 5,300 तो जमीर के आगे 5,000 और अनस के आगे 3,500 लिखा है।
मंगल नाम का एजेंट खुद बस ऑपरेटर है। वह गाड़ियों के परमिट का काम भी देखता है। उसके नाम के आगे 4,000 रुपए का हिसाब लिखा है।
इरशाद, आदिल सीज गाड़ियाें का ट्रांसफर का काम देखते हैं। इन सभी नाम के आगे 3,100 से लेकर 6,000 रुपए का हिसाब लिखा है। सीपी, केआर, एसएस, डी बैरिसया, एमवाई, जैसे कोड भी लिखे हैं।