ड्रग्स तस्करों की मदद कर रही राजस्थान-एमपी पुलिस, आरोपियों से पूछताछ में राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मिले अहम सबूत
ड्रग्स तस्करों की मदद कर रही राजस्थान-एमपी पुलिस, आरोपियों से पूछताछ में राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मिले अहम सबूत

राजस्थान और एमपी में ड्रग्स तस्करी गैंग का लीडर कमल राणा को तो पुलिस ने 19 जून को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अब इसमें पुलिस की मिलीभगत के बड़े खुलासे हो रहे हैं। कमल और उसके साथियों से पूछताछ में सामने आया है कि राजस्थान और एमपी पुलिस इनकी मदद कर रही थी।
इसी के बाद राजस्थान से डिप्टी एसपी सहित 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि एमपी के 6 पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संलिप्त मिली है, जिनमें एक एएसआई व 5 कांस्टेबल हैं। सोमवार को इनकी रिपोर्ट नीमच एसपी को भेजी गई है। सोमवार को पुलिस ने प्रतापगढ़ में इस गैंग की मदद के करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया। एसपी अमित बुढ़ानिया ने बताया कि भारत सिंह, हस्तीमल सुतार, सुदीप कुमार और तूफान सिंह से ड्रग्स तो नहीं मिले, पर इन पर एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया गया है। यह प्रदेश का पहला मामला है, जहां बिना रिकवरी एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की गई। प्रतापगढ़ में पकड़े गए तस्कर का वाट्सएप लॉगआउट करने के मामले में बाड़मेर से कमलेश को प्रॉडक्शन वारंट पर लिया है।
वो सब कुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है
जिस फोन पर वॉट्सएप, उस पर सिम नहीं, पकड़े गए तो साथी लॉगआउट कर देता था
कहांं ऑपरेट करते हैं?
– एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा तस्करी एमपी बॉर्डर से होती है। दोनों राज्यों के 10 से ज्यादा जिलों में यह गैंग सक्रिय है। प्रतापगढ़ एसपी के नेतृत्व में 100 पुलिसकर्मियों ने 3 माह तक जांच के बाद गैंग का खुलासा किया। बाड़मेर, जालोर व चित्तौडगढ़ में पकड़े गए कई आरोपियों के तार भी गैंग से जुड़े थे।
गैंग कैसे ऑपरेट करते थे?
तस्करी के दौरान बदमाश मोबाइल में जिस नंबर का वाॅट्सएप चलाते हैं, उसका सिमकार्ड किसी अन्य साथी के पास रखते हैं। डोंगल के जरिए वॉट्सएप चलाते हैं। तस्करी के दौरान यदि किसी बदमाश को पुलिस पकड़ती है तो दूसरा साथी तुरंत वाॅट्सएप अकाउंट अपने यहां से लॉगआउट कर देता है। इसलिए पुलिस को वॉट्सएप चैट्स नहीं मिल पातीं। इस मामले में पुलिस ने करीब 50 नंबरों के डेटा रि-स्टोर कर एविडेंस तैयार किए हैं। बदमाशों के मोबाइलों के डाटा रिकवर किए तो पुलिस की मिलीभगत सामने आई है।
28 लाख रुपए के साथ 48 बैंक अकाउंट फ्रीज- प्रतापगढ़ पुलिस ने तस्करी के दौरान 48 बैंक अकाउंट फ्रीज करवाए हैं। इसमें 28 लाख रुपए थे। इनसे कुछ ही महीनों का ट्रांजेक्शन में करोड़ों में था।
दिल्ली से लग्जरी कारें चुराते थे- तस्करों ने वाहन चोर गैंग भी बना रखी थी। ये बदमाश दिल्ली व आस-पास के क्षेत्र से स्कॉर्पियो चुराते हैं। बाद में इसे ही तस्करी में उपयोग किया जाता है।
दोनाें राज्यों में तस्करी के सरगना कमल राणा और गैंग से पूछताछ में राजस्थान पुलिस को मिले अहम सबूत
राजस्थान में डिप्टी एसपी समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड, एमपी के 6 पुलिसकर्मी संलिप्त, रिपोर्ट भेजी
पकड़ा जाना क्यों जरूरी?
बॉर्डर एरिया पर गैंगस्टर कमल राणा के नेतृत्व में संचालित तस्करों की गैंग पुलिस को देखते ही फायरिंग करते हैं। हाल ही में कमल गैंग के बदमाश एमपी में एक सब इंस्पेक्टर की पिस्टल लूटकर भाग गए थे।
किसी को नहीं बख्शेंगे, मुख्यालय से मॉनिटरिंग- डीजीपी
एमपी बॉर्डर पर मादक पदार्थ तस्करी के बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। मुख्यालय स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है। किसी को बख्शेंगे नहीं। कार्रवाई के बाद तस्करी घटी है।
-उमेश मिश्रा, डीजीपी राजस्थान