क्या ईरान – इजराइल टकराव से बढ़ेंगे पैट्रॉल – डीज़ल के दाम ?
क्या ईरान - इजराइल टकराव से बढ़ेंगे पैट्रॉल - डीज़ल के दाम ?


भारत में लोकतांत्रिक लड़ाई अपने चरम पर है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच घोषणापत्रों की टक्कर जोरों पर है। भाजपा का संकल्प पत्र इस बार कांग्रेस के घोषणापत्र पर भारी पड़ता दिख रहा है।
नतीजे अप्रत्याशित नहीं माने जा रहे हैं, और राजनीतिक दल तथा जनता दोनों ही इसे स्वीकार कर चुके हैं।
मध्य-पूर्व में बढ़ता तनाव
इजराइल और ईरान के बीच युद्ध तेज हो गया है, जिसमें ईरान ने इजराइल पर सीधा हमला किया है। इस संघर्ष की शुरुआत इजराइल द्वारा सीरिया में ईरान के दूतावास पर किए गए हमले से हुई थी, जिसमें ईरान के दो उच्च अधिकारी मारे गए थे। इजराइल का कहना है कि उन्होंने ईरान के हमले को सीमा के बाहर ही विफल कर दिया है, वहीं ईरान अपनी रणनीति को सफल बता रहा है।
तेल की कीमतों पर असर
इस युद्ध के कारण, मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने की आशंका से क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय तेल बाजार पर पड़ने की उम्मीद है। ईरान ने होर्मुज पास में एक जहाज पर कब्जा कर लिया है, जिससे दुनिया के 20% तेल की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। स्वेज नहर और होर्मुज पास में किसी भी तरह की रुकावट से वैश्विक तेल आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जिससे तेल की कीमतें और बढ़ने की आशंका है।
भारतीय चुनाव और तेल की कीमत
यदि क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ना तय है। हालांकि चुनावी सीजन के कारण सरकार कुछ समय तक तेल की कीमतों में वृद्धि को रोक सकती है, लेकिन बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतें अंततः उपभोक्ताओं पर बोझ डाल सकती हैं।



