मोदी के साथ पूरी केबिनेट लेगी शपथ, JDU-TDP के साथ अभी नही हुई है विभागों पर चर्चा
मोदी के साथ पूरी केबिनेट लेगी शपथ, JDU-TDP के साथ अभी नही हुई है विभागों पर चर्चा
लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है। बीजेपी अपने दम पर 272 का आंकड़ा छूने से चूक गई, इसलिए सहयोगी दलों पर निर्भरता बढ़ गई है। एनडीए के पास 293 की संख्या है, लेकिन भाजपा के पास खुद के सिर्फ 240 सांसद हैं।
शपथग्रहण से पहले कैबिनेट के स्वरूप को अंतिम रूप देने की लगातार कोशिशें हो रही हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार 9 जून को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। उनके साथ उनकी पूरी कैबिनेट शपथ लेगी। शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम को दक्षिण एशियाई देशों के नेताओं की मौजूदगी में होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सरकार में सहयोगी दलों की हिस्सेदारी पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। शुक्रवार दोपहर एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
सरकार गठन की तैयारियों के बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि सहयोगी दल महत्वपूर्ण विभागों पर दावा कर सकते हैं। हालांकि, भाजपा के करीबी सूत्रों के साथ-साथ दो सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी दलों टीडीपी और जेडीयू ने कहा कि विभागों और कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। मुइज्जू के अलावा दक्षिण एशिया के कई नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। उनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शामिल हैं।
चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई है। हालांकि वे मोदी को तीसरी बार जीतने पर बधाई देने वाले पहले विदेशी नेताओं में से एक थे।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले और वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी सहित आरएसएस नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया है।
टीवी चैनलों पर टीडीपी द्वारा स्पीकर पद मांगे जाने की अटकलों के बीच पार्टी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी है। एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, “दिवंगत जीएमसी बालयोगी को भी 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पीकर बनाया था।” उन्होंने कहा हमने किसी मंत्रालय की मांग नहीं की है।