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आरटीओ… 8 करोड़ से टेस्टिंग ट्रैक तैयार:लेकिन नहीं हो पा रहा ट्रायल,वजह: यहां एक साल बाद भी कैमरे ही नहीं लगे हैं

आरटीओ... 8 करोड़ से टेस्टिंग ट्रैक तैयार:लेकिन नहीं हो पा रहा ट्रायल,वजह: यहां एक साल बाद भी कैमरे ही नहीं लगे हैं

कोकता के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ में 8 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है, लेकिन इस पर ट्रायल ही नहीं हो पा रहा है। दरअसल टेस्टिंग ट्रैक पर अभी तक कैमरे नहीं लगे हैं। जिसकी वजह से डीएल की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद भी आवेदक को बिना ट्रायल डीएल मिल जाता है।

वहीं कमर्शियल वाहनों केे फिटनेस के दौरान भी उनकी टेस्टिंग का फीड भी कंप्यूटर तक नहीं पहुंच पा रहा है। यह हाल तब है जबकि आरटीओ को यहां शिफ्ट हुए ही एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।

बताया जा रहा है कि निर्माण एजेंसी राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को बंद किए जाने के कारण ऐसे हालात बने हैं। सीपीए द्वारा बनाई इस बिल्डिंग को जब तक औपचारिक रूप से पीडब्ल्यूडी या अन्य एजेंसी को नहीं सौंपा जाता, तब तक यह काम आगे बढ़ने की उम्मीद नजर नहीं आती। कोरोना के दौरान आरटीओ में डीएल, फिटनेस आदि के लिए होने वाली ट्रायल पर केंद्रीय राजमार्ग व परिवहन मंत्रालय ने रोक लगा दी थी।

यह आदेश वर्ष-2022 में अप्रैल-मई तक के लिए लागू किया गया था, लेकिन पिछले साल 15 दिसंबर से आरटीओ की शिफ्टिंग कोकता स्थित नई बिल्डिंग में कर दी गई। यहां निर्माण एजेंसी ने ट्रायल ट्रैक का निर्माण तो कर दिया, लेकिन कैमरे नहीं लगे हेाने की वजह से अब तक ट्रायल सिस्टम शुरू नहीं हुआ है।

इस मामले में आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि कैमरे लगवाने की प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही कैमरे इंस्टॉल हो जाएंगे, ट्रैक पर टेस्टिंग कर ट्रायल सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा।

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