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काँग्रेस MLA आरिफ मसूद के पत्र का असादुद्दीन ओवैसी ने दिया जवाब, ‘दुनियां में कोई ऐसा माई का लाल पैदा नहीँ हुआ, जिसके…

काँग्रेस MLA आरिफ मसूद के पत्र का असादुद्दीन ओवैसी ने दिया जवाब, 'दुनियां में कोई ऐसा माई का लाल पैदा नहीँ हुआ, जिसके...

एआईएमआईएम अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की औऱ से लिखे पत्र का जवाब दिया है, उन्होंने वक़्फ़ कानून के खिलाफ तेलंगाना के वारंगल रक रैली को संबोथित करते हुए कहा कि, भोपाल के विधायक हैं हमारे छोटे भाई,

उन्होंने खत लिखा कि आप सरकार के डेलिगेशन में जा रहे हैं तो एमपी के मंत्री (विजय शाह) ने हमारी सेना की बेबाक बेटी (कर्नल सोफिया कुरैशी) के बारे में अनाप-शनाप कह दिया. आप सरकार से पूछ लीजिए कि उन्होंने इस पर क्या किया, क्योंकि आप विदेश जाएंगे तो ये सवाल किए जाएंगे तो आपके पास क्या जवाब होगा’
ओवैसी ने इस पर बोलते हुए कहा, “दुनिया में कोई ऐसा माई का लाल पैदा नहीं हुआ, जिसके सवाल का जवाब अल्लाह और उसके रसूल के सदके में असदुद्दीन ओवैसी न दे, तो मैं जवाब दे सकता हूं.” उन्होंने आरिफ मसूद के पत्र का जवाब देते हुए आगे कहा, “आपकी पार्टी के भी नेता जा रहे हैं न, हमसे ही पूछ रहे हैं. कोई बोल रहा है कि आप बीजेपी सांसदों के साथ क्यों जा रहे हैं? तो क्या संसद में हम उनके साथ नहीं बैठते? मेरा हाल तो ऐसा हो गया है, जैसे गरीब की जोरू, सबकी भाभी बन हुई है.”
‘असदुद्दीन ओवैसी बेबाकी से बोलता है’
उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में मौका दिया है तो इसका मतलब है कि वह जानती है कि असदुद्दीन ओवैसी बेबाकी से बोलता है. वो लोग भी ये दिल से मानते हैं, लेकिन जुबान से इकरार नहीं करते, वो अलग बात है.” उन्होंने साफ किया कि वह हर मंच पर हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं और उन्हें किसी का डर नहीं.

चंदोला में हुए बुलडोजर एक्शन पर क्या बोले ओवैसी?
इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद के चंदोला में हुए बुलडोजर एक्शन पर ओवैसी ने कहा, “गुजरात में बीजेपी 1998 से सत्ता में है. 25 साल से सत्ता में है. अहमदाबाद के चंदोला तलाब पर 30-40 साल से हिंदू-मुसलमान साथ रहते हैं. 4-8 हजार झोपड़ी और घरों को तोड़ दिया और कहा गया कि यहां बांग्लादेशी निकले हैं. ये गरीब कहां जाएंगे, इस देश में गरीबों का क्या होगा.” उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी बताकर गरीबों के घर तोड़ना ठीक नहीं है.
डेलिगेशन के साथ कहां-कहां जाएंगे ओवैसी?
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केंद्र सरकार ने कुछ डेलिगेशन ग्रुप बनाए हैं, जिनमें से एक डेलिगेशन में ओवैसी का भी नाम शामिल है. ये डेलिगेशन सऊदी अरब, कतर, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जैसे देशों में जाकर भारत का पक्ष रखेगा. इसका मकसद वहां ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई को सामने लाना और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करना है. यह अभियान भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत करने और गलत प्रचार का खंडन करने के लिए चलाया जा रहा है.

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