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भोपाल में डेंगू से ज्यादा चिकुनगुनिया के मामले, कम टेस्ट के बाद भी डीएमओ के आंकड़े अलर्ट करने वाले, जानें

भोपाल में डेंगू से ज्यादा चिकुनगुनिया के मामले, कम टेस्ट के बाद भी डीएमओ के आंकड़े अलर्ट करने वाले, जानें

भोपाल: भोपाल में जुलाई के महीने में चिकुनगुनिया के मामले डेंगू से ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि चिकुनगुनिया के लिए टेस्ट कम हो रहे हैं। जिला मलेरिया कार्यालय यानी डीएमओ के आंकड़ों से यह पता चला है।

12 जुलाई से 19 जुलाई के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों ने 141 डेंगू टेस्ट किए। इनमें से छह नए मामले सामने आए। इसी दौरान केवल 39 चिकुनगुनिया टेस्ट किए गए। इनमें एक नया मामला मिला। डेंगू के मामलों की संख्या 51 और चिकुनगुनिया के मामलों की संख्या 52 रही। टेस्ट कम होने के बावजूद, चिकुनगुनिया की पॉजिटिविटी दर ज्यादा रही। हालांकि, डेंगू के मामलों में पिछले हफ्ते ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई।

मानसून मच्छरों के लिए अनुकूल
हाल ही में हुई स्वास्थ्य निगरानी से पता चला है कि मच्छर से फैलने वाली बीमारियां, जैसे डेंगू और चिकुनगुनिया पिछले दिनों में थोड़ी-थोड़ी बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़े चिंताजनक नहीं हैं, लेकिन ये बताते हैं कि संक्रमण अभी भी फैल रहा है। मानसून के मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन जाती हैं, इसलिए इस पर ध्यान देना जरूरी है।
चिकुनगुनिया के मामले डेंगू से ज्यादा
साल भर के आंकड़ों की बात करें तो मलेरिया के 6, डेंगू के 51 और चिकुनगुनिया के 52 मामले सामने आए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि चिकुनगुनिया के मामले डेंगू से ज्यादा हैं, जबकि पूरे महीने में इसके टेस्ट कम हुए हैं। इससे पता चलता है कि कुछ मामले पकड़ में नहीं आ रहे हैं या संक्रमण कुछ खास इलाकों में ज्यादा फैला हुआ है।
अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य अधिकारी इन मामलों पर नजर रख रहे हैं। उनका कहना है कि मलेरिया तो नियंत्रण में है, लेकिन डेंगू और चिकुनगुनिया अभी भी मौजूद हैं। इसलिए इनसे बचने के लिए उपाय करने जरूरी हैं। अभी तक किसी भी बीमारी के फैलने की चेतावनी नहीं दी गई है। लेकिन, जैसे-जैसे शहर में मानसून आगे बढ़ेगा, मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए और ज्यादा प्रयास किए जाएंगे।

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