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प्रदेशभर से जुटीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं:परमानेंट, सीधी भर्ती-हेल्थ इंश्योरेंस की मांग; बोलीं-सैलरी बढ़ाए सरकार

प्रदेशभर से जुटीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं:परमानेंट, सीधी भर्ती-हेल्थ इंश्योरेंस की मांग; बोलीं-सैलरी बढ़ाए सरकार

भोपाल में शनिवार को प्रदेशभर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं जुटीं। नीलम पार्क में उन्होंने धरना दिया और परमानेंट, सीधी भर्ती-हेल्थ इंश्योरेंस देने की मांग की। बोलीं कि सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं की सैलरी भी बढ़ाई जाए।

करीब तीन घंटे तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। इसमें प्रदेशभर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं शामिल हुईं। भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में आनुषंगिक संगठन ‘मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ भोपाल के बैनरतले यह प्रदर्शन हुआ। सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।

इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। उन्हें भी सभी शासकीय सुविधाओं का लाभ मिलें।
नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में संशोधन किया जाए। मानदेय एवं मानसेवा की जगह नियमित एवं सीधी भर्ती की जाने की नियमावली बनाई जाए।
जब तक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन नहीं हो जाता, तब तक मानदेय, अतिरिक्त मानदेय में केंद्र से निर्धारित महंगाई भत्ते को लागू कर भुगतान किया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 25 हजार रुपए और सहायिका को साढ़े 12 हजार रुपए दिए जाए।
सभी का 5 लाख का हेल्थ बीमा भी कराया जाए। आयुष्मान योजना की पात्रता में शामिल करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अलावा अन्य कार्य में ड्यूटी न लगाई जाए।
पोषण, खेल, स्वास्थ्य संबंधित सभी सामग्री केंद्रों पर समय सीमा में उपलब्ध कराई जाए।
आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए ज्यादा से ज्यादा भवन उपलब्ध कराए जाए।
सभी के लिए कम से कम 15 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाए।
10 वर्ष के अनुभव, शिक्षा और वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाए। मप्र के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं जब तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं की जाती है, तब तक उनका रिटायरमेंट नहीं किया जाए, क्योंकि उनके जीवनयापन का सही एकमात्र साधन है। सेवानिवृत्त किया जाता है तो उन्हें नियमानुसार राशि दी जाए।
विशेष संवाददाता, ज़ीशान मुजीब

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