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गोडसे विवाद / राहुल गांधी ने प्रज्ञा को आतंकी बताया, बोले- उन्होंने जो भी कहा वो भाजपा-संघ की आत्मा में है


नेशनल डेस्क. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी बताया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त कहा। भारतीय संसदीय इतिहास का सबसे दुखद दिन।’ कांग्रेस सांसद ने ये ट्वीट प्रज्ञा के उस बयान को लेकर किया, जिसमें उन्होंने गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। राहुल के मुताबिक प्रज्ञा ने जो भी कहा वही भाजपा और आरएसएस के दिल और आत्मा में है, जिसे छुपाया नहीं जा सकता।
संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा, ‘प्रज्ञा ठाकुर जो कुछ भी कह रही हैं वही भाजपा और आरएसएस के दिल में है। वही भाजपा और आरएसएस के केंद्र में है। इसे छुपाया नहीं जा सकता। यही उनकी आत्मा है और ये किसी भी तरह से बाहर आ ही जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे गांधीजी की कितनी पूजा करते हैं, यही उनकी आत्मा है।’
संसद में हुआ हंगामा
प्रज्ञा के विवादास्पद बयान पर गुरुवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए चर्चा की मांग की। हालांकि, स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि प्रज्ञा का बयान रिकॉर्ड से निकलवा दिया गया है, ऐसे में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
भाजपा ने भी किनारा किया
प्रज्ञा के बयान से उनकी पार्टी ने भी किनारा कर लिया है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि, ‘भाजपा कभी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती। हमने फैसला किया है कि उन्हें रक्षा मामलों की संसदीय समिति से हटाया जाएगा। साथ ही इस सत्र में उन्हें संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।’ वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘भाजपा ऐसी किसी भी विचारधारा का विरोध करती है, जो गोडसे को देशभक्त बताती है। महात्मा गांधी की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है, वे देश के मार्गदर्शक हैं।’
बुधवार को हुआ था विवाद
ये विवाद बुधवार को लोकसभा में एसपीजी बिल (संशोधन) पर चर्चा के दौरान सामने आया था। जब डीएमके सांसद ए राजा गोडसे का वह बयान पढ़ रहे थे, जिसमें गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की वजह बताई थी। इसी बीच प्रज्ञा ने बीच में टोकते हुए कहा कि आप देशभक्तों का जिक्र नहीं करेंगे। जिसके बाद विपक्ष विरोध करने लगा था। जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने इसे सदन के रिकॉर्ड से हटवा दिया था।

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