एमपी में पारा 44 डिग्री के पार पहुंचा, उज्जैन में स्कूलों का समय बदला, छिंदवाड़ा में आधे घंटे तेज बारिश,
एमपी में पारा 44 डिग्री के पार पहुंचा, उज्जैन में स्कूलों का समय बदला, छिंदवाड़ा में आधे घंटे तेज बारिश,

जबलपुर/भोपाल। एमपी में गर्म हवाओं के चलते तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। दिन के साथ रातों में भी गर्मी बढ़ गई है। उज्जैन के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के समय में परिवर्तन किया है।
अब नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूल सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक लगेंगे। वहीं जबलपुर में भी आज मौसम गर्म रहा।
इसी तरह आज छिंदवाड़ा जिले में दिन भर तेज धूप रही। दोपहर में मौसम बदलाव आया और ग्रामीण अंचल सिंगोड़ी, जुन्नारदेव में करीब आधे घंटे तेज बारिश हुई। जिससे सड़कों पर पानी बह निकला। वहीं अगले कुछ घंटे में बैतूल, डिंडौरी व पांढुर्णा में भी गरज-चमक के साथ बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। देर रात की बात की जाए तो अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के पार रहा। सबसे गर्म सागर रहा यहां पारा 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खंडवा-धार में 26.4 डिग्री, खरगोन में 25.4 डिग्री, रतलाम में 25 डिग्री, गुना में 24.9 डिग्री, नर्मदापुरम में 24.2 डिग्री, इंदौर-दमोह में 23.2 डिग्री, सतना में 23.1 डिग्री, रीवा में 23 डिग्री तापमान रहा। वहीं भोपाल में 22.4 डिग्री, उज्जैन में 21.2 डिग्री, ग्वालियर में 21.4 डिग्री व जबलपुर में पारा 20ण्2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। मौसम विशेषज्ञों की माने तो वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण तेज गर्मी का असर बना रहेगा। आज श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, नीमच, मंदसौर वर रतलाम में लू का अलर्ट रहा है। 9 और 10 अप्रैल को भोपाल, इंदौर, उज्जैन व ग्वालियर में भी हीट वेव चलने की संभावना है। 11 अप्रैल को प्रदेश के कई शहरों में हल्की बारिश हो सकती है। इस मौसम में पहली बार प्रदेश के पांच शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार रहा। जबलपुर में 40.07 डिग्री, भोपाल में 41.6 डिग्री, इंदौर में 40.6 डिग्री, ग्वालियर में 41.7 डिग्री, उज्जैन में 42 डिग्री व जबलपुर में 40.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
दो माह रहेगी सबसे ज्यादा गर्मी-
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रेल व मई में तेज गर्मी होने की संभावना है। वैसे मार्च महीने के अंत में तापमान बढऩे लगता है। लेकिन इस बार ऐसा मौसम नहीं रहा। आखिरी 3 दिन वेस्टर्न डिस्टरबेंस व साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के कारण पारे में गिरावट हुई।